उत्तर प्रदेशलखनऊ

सहारा में जमा पैसा मिलेगा या नहीं लोगों बढ़ी चिंता* *सहारा में जमा पैसा निकासी के ऑनलाइन सिस्टम फेल

*सहारा में जमा पैसा मिलेगा या नहीं लोगों बढ़ी चिंता* *सहारा में जमा पैसा निकासी के ऑनलाइन सिस्टम फेल* *अभी तक आनलाइन कराए हुए लोगो का 45 दिन से कई महीना ज्यादा हो गया नही हो पाया भूगतान* अपने ही पैसे लेने के लिए ऑनलाइन करना पड़ रहा है एक बडा सवाल ? अंबेडकर नगर और उत्तर प्रदेश से जमा करता है नहीं है जो या ध्यान दें की ऑनलाइन आवेदन किया जाए या नहीं अगर एक बार आप सेटलमेंट में चले जाते हैं तो फिर किसी कोर्ट में आवेदन नहीं कर सकते हैं और यही इन लोगों की मंशा है श्री अमित शाह गृह मंत्री जी कही हुई है 45 दिन से कई महीने से अधिक पोर्टल लांच हुई हो गया है लेकिन अभी तक किसी का भी पैसा नहीं आया है और सबसे बड़ी समस्या है कि जो जमा करता अपने पैसे के लिए दर दर भटकता हुआ, पैसा ना मिल पाने के कारण अपने ही घर परिवार के शादी कैसे हो कि संकट से ना उबर पाने के कारण आत्महत्या करने पर मजबूर हो रहे हैं उसका पैसा कैसे मिलेगा क्या अभी कहीं से कुछ भी राजपत्र अर्थात भारत का राजपत्र या आदेश उपलब्ध नहीं मिल रहा है और उम्मीद या भी है कि मिलेगा या नहीं और इस समय कोई भी शहर का अभिकर्ता जो एजेंट के रूप में मोटी कमाई कर रहा था उसका भी सही हो कहीं से नहीं मिल रहा है जो बड़े-बड़े दावे करते थे कि आप जमा कर दीजिए कंपनी कहीं नहीं जाएगी या सब अगर कहीं जाएगी तो मैं अपनी जेब से दूंगा ऐसे एजेंट अभिकर्ता की समय बहुत ही कमी आ गई है अर्थात शून्य है कोई नहीं मिलेगा मेरा स्वयं का पैसा फंसा हुआ है जिसके कारण से बहुत ही तकलीफ हो रही है कोई भी कुछ सुनने वाला नहीं बहुत ही समस्याएं हैं न कोई पैसा दिलाने वाला जब दलाली खाना होता है तो हजारों लोग सामने होते हैं।

*सहारा में जमा पैसा मिलेगा या नहीं लोगों बढ़ी चिंता*

 

*सहारा में जमा पैसा निकासी के ऑनलाइन सिस्टम फेल*

 

*अभी तक आनलाइन कराए हुए लोगो का 45 दिन से कई महीना ज्यादा हो गया नही हो पाया भूगतान*

 

अपने ही पैसे लेने के लिए ऑनलाइन करना पड़ रहा है एक बडा सवाल ? अंबेडकर नगर और उत्तर प्रदेश से जमा करता है नहीं है जो या ध्यान दें की ऑनलाइन आवेदन किया जाए या नहीं अगर एक बार आप सेटलमेंट में चले जाते हैं तो फिर किसी कोर्ट में आवेदन नहीं कर सकते हैं और यही इन लोगों की मंशा है श्री अमित शाह गृह मंत्री जी कही हुई है 45 दिन से कई महीने से अधिक पोर्टल लांच हुई हो गया है लेकिन अभी तक किसी का भी पैसा नहीं आया है और सबसे बड़ी समस्या है कि जो जमा करता अपने पैसे के लिए दर दर भटकता हुआ, पैसा ना मिल पाने के कारण अपने ही घर परिवार के शादी कैसे हो कि संकट से ना उबर पाने के कारण आत्महत्या करने पर मजबूर हो रहे हैं उसका पैसा कैसे मिलेगा क्या अभी कहीं से कुछ भी राजपत्र अर्थात भारत का राजपत्र या आदेश उपलब्ध नहीं मिल रहा है और उम्मीद या भी है कि मिलेगा या नहीं और इस समय कोई भी शहर का अभिकर्ता जो एजेंट के रूप में मोटी कमाई कर रहा था उसका भी सही हो कहीं से नहीं मिल रहा है जो बड़े-बड़े दावे करते थे कि आप जमा कर दीजिए कंपनी कहीं नहीं जाएगी या सब अगर कहीं जाएगी तो मैं अपनी जेब से दूंगा ऐसे एजेंट अभिकर्ता की समय बहुत ही कमी आ गई है अर्थात शून्य है कोई नहीं मिलेगा मेरा स्वयं का पैसा फंसा हुआ है जिसके कारण से बहुत ही तकलीफ हो रही है कोई भी कुछ सुनने वाला नहीं बहुत ही समस्याएं हैं न कोई पैसा दिलाने वाला जब दलाली खाना होता है तो हजारों लोग सामने होते *सहारा में जमा पैसा मिलेगा या नहीं लोगों बढ़ी चिंता* *सहारा में जमा पैसा निकासी के ऑनलाइन सिस्टम फेल* *अभी तक आनलाइन कराए हुए लोगो का 45 दिन से कई महीना ज्यादा हो गया नही हो पाया भूगतान* अपने ही पैसे लेने के लिए ऑनलाइन करना पड़ रहा है एक बडा सवाल ? अंबेडकर नगर और उत्तर प्रदेश से जमा करता है नहीं है जो या ध्यान दें की ऑनलाइन आवेदन किया जाए या नहीं अगर एक बार आप सेटलमेंट में चले जाते हैं तो फिर किसी कोर्ट में आवेदन नहीं कर सकते हैं और यही इन लोगों की मंशा है श्री अमित शाह गृह मंत्री जी कही हुई है 45 दिन से कई महीने से अधिक पोर्टल लांच हुई हो गया है लेकिन अभी तक किसी का भी पैसा नहीं आया है और सबसे बड़ी समस्या है कि जो जमा करता अपने पैसे के लिए दर दर भटकता हुआ, पैसा ना मिल पाने के कारण अपने ही घर परिवार के शादी कैसे हो कि संकट से ना उबर पाने के कारण आत्महत्या करने पर मजबूर हो रहे हैं उसका पैसा कैसे मिलेगा क्या अभी कहीं से कुछ भी राजपत्र अर्थात भारत का राजपत्र या आदेश उपलब्ध नहीं मिल रहा है और उम्मीद या भी है कि मिलेगा या नहीं और इस समय कोई भी शहर का अभिकर्ता जो एजेंट के रूप में मोटी कमाई कर रहा था उसका भी सही हो कहीं से नहीं मिल रहा है जो बड़े-बड़े दावे करते थे कि आप जमा कर दीजिए कंपनी कहीं नहीं जाएगी या सब अगर कहीं जाएगी तो मैं अपनी जेब से दूंगा ऐसे एजेंट अभिकर्ता की समय बहुत ही कमी आ गई है अर्थात शून्य है कोई नहीं मिलेगा मेरा स्वयं का पैसा फंसा हुआ है जिसके कारण से बहुत ही तकलीफ हो रही है कोई भी कुछ सुनने वाला नहीं बहुत ही समस्याएं हैं न कोई पैसा दिलाने वाला जब दलाली खाना होता है तो हजारों लोग सामने होते हैं।हैं।

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